सफलता क्या है?

हर व्यक्ति की सफलता की परिभाषा अलग होती है। कुछ के लिए पैसा ही असली सफलता है तो कुछ के लिए मेहनत के बाद नौकरी, व्यापार, खेल आदि को अपनी इच्छा के अनुरूप पाना। हम कह सकते हैं कि व्यक्ति अपने जीवन में सफलता तभी मानता है, जब उसे अपनी मनचाही नौकरी, व्यवसाय आदि सब कुछ मिल जाता है। केवल एक अच्छा करदाता होना समाज और देश के लिए पूर्ण योगदान नहीं है। लेकिन जो व्यक्ति गरीबों और जरूरतमंदों के साथ अच्छा व्यवहार करता है और दान करता है वह वास्तविक जीवन में एक सफल व्यक्ति होता है।

सफलता क्या है?

जीवन में धन-संपत्ति कभी स्थिर नहीं रहती, जीवन में यदि कोई चीज स्थिर रहती है तो वह आपका व्यवहार है। अगर जीवन में आपका व्यवहार हमेशा सबके साथ अच्छा रहा है तो आप विषम परिस्थितियों में भी हमेशा सफल रहेंगे। अगर किसी कारण से आप अपने जीवन में डिप्रेशन में आ जाते हैं तो आप उस स्थिति से बाहर निकल सकते हैं और एक सफल जीवन जी सकते हैं। इसके लिए आप मेरा पिछला आर्टिकल डिप्रेशन से कैसे निपटें पढ़ सकते हैं।

सफलता का मतलब यह नहीं है कि आप हर विषय में हमेशा शीर्ष पर रहें। यदि कोई छात्र पढ़ाई में बहुत कमजोर है और वह कड़ी मेहनत से पास हो जाता है, तो वह अपने कौशल के अनुसार कोर्स करके एक सफल व्यवसायी और कर्मचारी बन सकता है, तो वह अपने जीवन में एक सफल और खुशहाल व्यक्ति भी बन सकता है। सफलता की कोई सीमा नहीं होती। सफलता केवल उच्च पद प्राप्त करने से नहीं है, अपने कौशल और क्षमता के अनुसार रोजगार प्राप्त करना ही सफलता है। यदि प्रत्येक व्यक्ति शीर्ष पर पहुंच जाए तो निम्न स्तर से मध्यम स्तर तक का कार्य कौन करेगा। जीवन में हर व्यक्ति को सफलता मिल सकती है। कोई भी निम्न स्तर का व्यक्ति भी निम्न स्तर से उच्च स्तर पर पदोन्नति प्राप्त करके अपने कौशल और कड़ी मेहनत से शीर्ष स्तर तक पहुंच सकता है। यही वास्तविक अर्थों में सफलता है।

शीर्ष स्तर पर पहुंचना और सफलता प्राप्त करने को सफलता नहीं कहा जा सकता है, अगर किसी व्यक्ति ने जानबूझकर देश या कंपनी या कारखाने के अहित में कोई काम किया है, तो हम उस व्यक्ति को सफल व्यक्ति नहीं कह सकते। वह व्यक्ति ही भ्रष्ट व्यक्ति कहलाएगा। हमारे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है लेकिन फिर भी बेरोजगारी, गरीबी, अपराध, आर्थिक विषमता आदि बढ़ रही है क्योंकि जिम्मेदार अधिकारी अपना काम पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से नहीं करते हैं। ऐसे अधिकारियों की छवि निश्चित रूप से अपने रिश्तेदारों और समाज आदि में एक सफल व्यक्ति की हो सकती है। वास्तव में ऐसे अधिकारी ही देश के नुकसान के लिए जिम्मेदार होते हैं। हमारे देश के प्रधानमंत्री कार्यालय में भी भ्रष्टाचार अपने चरम पर है, जिसे पढ़ने के लिए आप मेरे पिछले आर्टिकल प्रधानमंत्री ग्रीवेंस सेल में बड़ा भ्रष्टाचार पर क्लिक कर सकते हैं। इसलिए यदि कोई भी कार्य ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से किया जाता है, तो प्राप्त की गई सफलता ही वास्तव में उस व्यक्ति की सफलता कहलाती है।

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