एक ऐसा देश जहां अब कोई बेघर नहीं — जानिए Finland ने कैसे रचा इतिहास

Finland ने वो कर दिखाया जो ज़्यादातर देश अभी सपने में ही सोचते हैं — सड़कों पर खुले में सोने वाले बेघरों की संख्या को लगभग शून्य कर दिया है। Housing First नीति और मानवीय दृष्टिकोण के चलते 2008 से 2024 तक लंबे समय से बेघर रहने वालों की संख्या में 72% की गिरावट दर्ज की गई है।

आज हेलसिंकी जैसे शहरों में सड़कों पर सोने वाले लोगों की संख्या लगभग ख़त्म हो चुकी है। इस बदलाव का मुख्य कारण था — घर को हर नागरिक का मौलिक अधिकार मानना। लोगों को पहले बिना किसी शर्त के घर दिए गए, फिर उनकी स्थिति के अनुसार स्वास्थ्य सेवाएं, मानसिक काउंसलिंग और रोज़गार सहायता उपलब्ध कराई गई।

जानिए कैसे Finland ने homelessness को लगभग खत्म कर दिया — और दुनिया इससे क्या सीख सकती है

इस लेख में जानिए कैसे Finland ने यह असंभव सा काम कर दिखाया और इससे पूरी दुनिया को क्या सीख मिल सकती है।

1️⃣ Housing First मॉडल: एक क्रांति

क्या है Housing First?

दुनिया भर में आमतौर पर बेघरों को पहले आश्रय या नशा-मुक्ति की शर्तें पूरी करने पर ही घर दिया जाता है। वहीं Housing First मॉडल इस प्रक्रिया को पलट देता है। इसमें पहले व्यक्ति को स्थायी घर दिया जाता है, फिर बाकी सेवाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं।

Finland में कैसे लागू हुआ?

2008 के बाद Finland ने देशभर में 3,500 से अधिक Housing First यूनिट्स का निर्माण किया। पुराने shelters को पक्के घरों में बदला गया और नए social housing प्रोजेक्ट्स भी बनाए गए।

परिणाम:
  • 2008 से 2024 के बीच लंबी अवधि के बेघरों की संख्या 72% घटी।
  • हेलसिंकी में सड़कों पर सोने वालों की संख्या अब लगभग शून्य है।

दुनिया के लिए सीख:
हर देश के लिए यह सीख है कि जब किसी व्यक्ति को इलाज और देखभाल के साथ-साथ सुरक्षित घर उपलब्ध कराया जाता है, तो वह गरिमापूर्ण जीवन जी सकता है और समाज की मुख्यधारा में लौटने की संभावना बढ़ जाती है।

2️⃣ मजबूत सामाजिक आवास व्यवस्था

आवास की व्यवस्था कैसे बनी?

  • Finland ने सस्ती के साथ-साथ गुणवत्ता वाले सामाजिक आवास बनाए, जिससे लोगों को गरिमा के साथ रहने का अवसर मिला।
  • हेलसिंकी का नगर प्रशासन शहर की लगभग 70% ज़मीन का मालिक है और वह करीब 60,000 सामाजिक आवास यूनिट्स का प्रबंधन करता है।
  • 2016 से 2019 के बीच सरकार ने 2,200 नए फ्लैट विशेष रूप से लंबे समय से बेघर लोगों के लिए बनवाए।
  • पुराने shelters को क्रमशः स्थायी और समर्थित घरों में तब्दील किया गया।
  • मिश्रित समुदायों की रचना
    एक और शानदार नीति ये रही कि सामाजिक आवास को अलग इलाकों में न रखकर, सामान्य कॉलोनियों में निजी और सब्सिडी वाले किराएदारों के साथ मिलाकर बसाया गया। इससे बेघरों को सम्मानजनक माहौल और सामाजिक स्वीकृति मिली।

दुनिया के लिए सीख:
सिर्फ शरणस्थल बनाकर homelessness खत्म नहीं होगा। हर देश को सस्ती, सुरक्षित और नियमित कॉलोनियों में सम्मिलित आवास योजना लागू करनी चाहिए।

3️⃣ सशक्त समर्थन सेवाएँ

एकीकृत सहायता प्रणाली
Finland में घर देना सिर्फ पहला कदम है। उसके बाद बेघरों को उनकी ज़रूरत के अनुसार

  • मानसिक स्वास्थ्य परामर्श
  • ऋण प्रबंधन सलाह
  • व्यसनमुक्ति सेवाएँ
  • रोजगार प्रशिक्षण
  • चिकित्सा सहायता
  • जीवन कौशल सिखाने वाले प्रोग्राम दिए जाते हैं।
  • सामाजिक मेलजोल
    स्थानीय कार्यक्रमों, सफाई अभियानों और सामुदायिक आयोजनों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे अकेलेपन और सामाजिक अलगाव की समस्या दूर होती है।

दुनिया के लिए सीख:
केवल घर देना काफी नहीं। साथ में निरंतर मानवीय देखभाल और सामाजिक सहयोग का इंतज़ाम होना चाहिए।

4️⃣ आर्थिक रूप से समझदारी भरा निवेश

आर्थिक परिणाम
Finland के Housing First मॉडल की एक सबसे बड़ी उपलब्धि इसकी लागत प्रभावशीलता है। भले ही शुरुआत में घर और सेवाओं के लिए सरकार ने भारी निवेश किया, लेकिन इससे

  • आपातकालीन चिकित्सा
  • पुलिस
  • न्यायालय
  • और crisis shelters पर होने वाला खर्च कई गुना घट गया।

आकलन के अनुसार, प्रति व्यक्ति सालाना लगभग €15,000 की बचत हुई है।

लंबी अवधि में लाभ

भले ही Finland ने इस योजना पर €250 मिलियन से अधिक खर्च किया हो, लेकिन इसके सामाजिक और आर्थिक फायदे निवेश से कहीं ज़्यादा निकले।

दुनिया के लिए सीख:
अगर कोई देश बेघर लोगों को घर देने को महज एक खर्च नहीं, बल्कि एक मानवीय ज़िम्मेदारी और भविष्य में समाज को सुरक्षित व खुशहाल बनाने वाला कदम माने — तो इससे देश और समाज दोनों का भला होगा।

5️⃣ राजनीतिक इच्छाशक्ति और राष्ट्रीय रणनीति

समन्वित सरकारी नीति

जहाँ अन्य देश बेघर समस्या के लिए अस्थाई समाधान बनाते हैं, Finland ने 2008 में Housing First नाम से एक दीर्घकालिक योजना शुरू की, जिसे सभी पार्टियों का समर्थन प्राप्त था और जिसका लक्ष्य था सड़कों पर रहने वाले लोगों के लिए स्थायी घर उपलब्ध कराना।

भविष्य की योजना

Finland का लक्ष्य है कि 2027 तक homelessness को पूरी तरह खत्म कर दिया जाए। सभी नगर प्रशासन और NGOs इस मिशन में एकजुट होकर काम कर रहे हैं।

दुनिया के लिए सीख:
कोई भी बड़ा सामाजिक बदलाव तब तक संभव नहीं जब तक उसमें राष्ट्रीय स्तर की रणनीति, राजनीतिक सहमति और दीर्घकालिक इच्छाशक्ति ना हो।

6️⃣चुनौतियाँ और भविष्य की तैयारी

बचा हुआ संकट

  • इतनी शानदार सफलता के बावजूद, 2024 में Finland में बेघर हुए लोगों में से लगभग 63% लोग (2,378 व्यक्ति) अस्थायी रूप से दोस्तों या रिश्तेदारों के साथ रह रहे हैं।
  • साथ ही कुछ शहरों में महंगाई और बजट कटौती के कारण Housing First कार्यक्रम की गति धीमी पड़ने का खतरा बना रहता है।
  • विशेष आबादी की ज़रूरतें
    आप्रवासी, अकेली महिलाएँ और गंभीर मानसिक रोगों से ग्रसित लोग अभी भी इस मॉडल में विशेष सहायता की मांग रखते हैं। Finland अब इनके लिए अलग से नई सामाजिक योजनाएँ शुरू कर रहा है।

दुनिया के लिए सीख:
कोई भी सफल मॉडल स्थिर नहीं रह सकता। समय-समय पर विशेष आबादी के लिए संवेदनशील सुधार और आर्थिक संकटों को झेलने लायक लचीलापन ज़रूरी होता है।

निष्कर्ष

Finland का अनुभव दिखाता है कि जब कोई देश अपने नागरिकों के लिए घर को मूल अधिकार मानकर मानवीय और दीर्घकालिक नीति बनाता है, तो बेघरपन जैसी कठिन समस्या भी सुलझाई जा सकती है।

Housing First मॉडल, जिसमें स्थायी घर, लगातार सहायता, समझदारी से बनाई गई आर्थिक व्यवस्था और सबको साथ लेकर चलने वाली सामुदायिक योजना शामिल हो — दुनिया के हर देश के लिए एक उपयोगी और प्रभावशाली उदाहरण है।

दुनिया के लिए सीख:
यदि कोई देश अपने नागरिकों के लिए घर, सम्मान और स्वास्थ्य को प्राथमिकता मानते हुए नीतियाँ बनाता है, और उन पर दृढ़ इच्छाशक्ति और निवेश के साथ अमल करता है — तो कठिन से कठिन लक्ष्य भी हासिल किया जा सकता है।