कानून के होते हुए भी हमारे देश में भेदभाव होता है?

हमारे देश में हर वर्ग में भेदभाव है, जिसका कारण अधिकांश उच्च स्तर के सरकारी अधिकारियों, मंत्रियों आदि का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष भ्रष्टाचार है, जिसका पालन ज्यादातर निचले स्तर तक के सरकारी अधिकारी करते हैं। यह सिलसिला आम जनता तक चलता रहता है। क्योंकि सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार के कारण आम जनता के महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो जाते हैं, जिसका सीधा असर आम जनता की आजीविका पर पड़ता है।

कानून के होते हुए भी हमारे देश में भेदभाव होता है?

यदि आम जनता में से कोई भी इसका विरोध करता है तो उसे मानसिक व आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। यदि वह व्यक्ति ईमानदार और सिद्धांतवादी है तो उसे जीवन भर आर्थिक और मानसिक हानि उठानी पड़ती है। इसलिए ज्यादातर लोग भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं। इस प्रकार अधिकांश लोग भ्रष्ट अधिकारियों के पीछे चलकर अपने व्यवसाय और नौकरी को सुरक्षित रखते हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण मेरा पिछला लेख प्रधानमंत्री ग्रीवेंस सेल में बड़ा भ्रष्टाचार है।

समाज में भेदभाव का कारण न केवल हमारी भ्रष्ट सरकारी व्यवस्था है, बल्कि अधिकांश आम लोग भी हैं जो अपने जीवन में भ्रष्ट अधिकारियों के व्यवहार को अपनाकर खुद को एक सफल व्यक्ति मानते हैं और लोगों को नीचा दिखाते हैं। आम ईमानदार लोग न केवल समाज में सरकारी तंत्र से परेशान हैं, बल्कि नकली सफल लोग आम लोगों के स्वाभिमान को ठेस पहुँचाते हैं।

अगर हमें समाज से किसी भी तरह के भेदभाव को दूर करना है तो सबसे पहले हमें खुद से शुरुआत करनी होगी, हमें हर नकली सफल व्यक्ति और भ्रष्ट सरकारी व्यवस्था के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा। आइए हम पिछले लेख प्रधानमंत्री ग्रीवेंस सेल में बड़ा भ्रष्टाचार को सरकारी तंत्र के खिलाफ लड़ने के लिए अपने सोशल नेटवर्क पर ज्यादा से ज्यादा साझा करें।

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