भारत को अपने सभी नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा की आवश्यकता है।

भारत के सभी नागरिकों के लिए सरकार द्वारा स्वास्थ्य बीमा अनिवार्य होना चाहिए। भारत में बहुत कम लोग अपने परिवार के लिए स्वास्थ्य बीमा लेते हैं, जो भविष्य के लिए बहुत घातक हो सकता है।


भारत सरकार ने गरीबों के लिए आयुष्मान भारत योजना बनाई है, जिसमें पात्र परिवार को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा दिया जाता है। लेकिन यह राशि कैंसर जैसी बड़ी बीमारी के लिए भी कम पड़ती है। जिसके बाद मरीज का इलाज बीच में ही रुक जाता है। श्रीमती अनु धामी इसका जीता-जागता उदाहरण हैं, जिनका एम्स, ऋषिकेश, उत्तराखंड में इलाज चल रहा था, उनके आयुष्मान भारत योजना कार्ड की 5 लाख रुपये की बीमा राशि का पूरा उपयोग किया गया। जिसके बाद उन्हें अपने इलाज के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से गुहार लगानी पड़ी। श्री पुष्कर सिंह धामी ने उनकी समस्या को समझा और श्रीमती अनु धामी के इलाज के लिए मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 5 लाख रुपये दिए।

भारत को अपने सभी नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा की आवश्यकता है।

जब कोई मध्यम आय वर्ग अपने परिवार के लिए स्वास्थ्य बीमा लेता है, तो उसे हर साल पॉलिसी की वार्षिक राशि के अनुसार स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के लिए भुगतान करना पड़ता है। कर्मचारी के कार्यालय से बीमित होने पर भी बीमा की राशि निश्चित होती है। भारत में बहुत कम संगठन, कंपनियां आदि हैं जहां कर्मचारियों को अपने स्वास्थ्य बीमा के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।


देश में सबकी आवाज मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री तक नहीं पहुंचती जैसे श्रीमती अनु धामी की आवाज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तक पहुंची और उन्हें इलाज के लिए 5 लाख रुपये मिले।

देश का प्रत्येक नागरिक टैक्स देता है, चाहे किसी के वेतन से आयकर के रूप में, किसी भी सामान की खरीद पर टैक्स भी शामिल होता है, जिसका भुगतान सरकार को माल आदि की खरीद पर करना होता है। इस तरह, हर व्यक्ति सरकार को टैक्स देता है। इसलिए एक अच्छी नीति का लाभ हर नागरिक तक पहुंचना चाहिए।


इसका निष्कर्ष है कि सरकार को हर नागरिक के लिए जल्द से जल्द एक स्वास्थ्य बीमा योजना लानी चाहिए। लोग एक बड़ी बीमारी के कारण अपना घर, जमीन आदि बेचने को मजबूर हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *