भारतीय रसोई में मसालों का विशेष महत्व है। हल्दी, मिर्च, धनिया, गरम मसाला, जीरा — ये ना सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं। लेकिन दुखद सच्चाई ये है कि आज बाजार में बिकने वाले कई मसाले नकली और मिलावटी होते हैं। इनमें रंग, पॉलिश, आर्टिफिशियल फ्लेवर और सस्ते केमिकल मिलाकर लोगों की सेहत से खेला जा रहा है।

इस लेख में हम जानेंगे नकली मसालों के नुकसान और उन्हें पहचानने के 5 आसान घरेलू तरीके।
नकली मसालों से होने वाले नुकसान
- फूड पॉइज़निंग
- लिवर, किडनी और हार्ट पर असर
- पाचन तंत्र खराब
- त्वचा एलर्जी और कैंसर का खतरा
- प्रतिरोधक क्षमता कम होना
नकली मसालों की पहचान के 5 आसान तरीके
1. हल्दी पाउडर
कैसे जांचें: एक गिलास गर्म पानी में हल्दी डालें। शुद्ध हल्दी नीचे बैठ जाएगी और पानी का रंग ज्यादा नहीं बदलेगा। नकली हल्दी तुरंत पानी में घुलकर रंग छोड़ देगी।
2. लाल मिर्च पाउडर
कैसे जांचें: थोड़ा मिर्च पाउडर पानी में डालें। अगर रंग ऊपर तैरने लगे तो उसमें सिंथेटिक रंग मिला है।
3. धनिया पाउडर
कैसे जांचें: धनिया पाउडर को हाथ में मसलें। असली में सुगंध बनी रहेगी, नकली में केमिकल की गंध आएगी।
4. काली मिर्च
कैसे जांचें: काली मिर्च के दानों को पानी में डालें। असली दाने नीचे बैठेंगे, नकली ऊपर तैरेंगे।
5. गरम मसाला पाउडर
कैसे जांचें: गरम मसाले को सूंघें। शुद्ध मसाले की खुशबू प्राकृतिक और तेज होती है, नकली मसाले में गंध फीकी या केमिकल जैसी होती है।
बचाव के उपाय
- ब्रांडेड और AGMARK सील वाले मसाले खरीदें।
- लोकल या अनपैक मसालों से बचें।
- हमेशा पैकेट पर मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट देखें।
- नए मसाले लाकर हमेशा घरेलू जांच करें।
- बच्चों और बुजुर्गों को नकली मसाले से बने खाने से बचाएं।
निष्कर्ष
हमारे घर की रसोई में इस्तेमाल होने वाले मसाले अगर मिलावटी हों तो ये धीमे ज़हर की तरह शरीर में असर डालते हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम जागरूक बनें और नकली मसालों की पहचान करें। थोड़ी सावधानी से हम अपने परिवार को कई गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं।

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