आज के डिजिटल युग में, इंटरनेट पर की गई हर गतिविधि का एक रिकॉर्ड बनता है। चाहे आप किसी शॉपिंग वेबसाइट को ब्राउज़ कर रहे हों, सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट लाइक कर रहे हों या कोई वीडियो देख रहे हों — आपकी हर हरकत का डेटा स्टोर होता है। इसी डेटा को डिजिटल फुटप्रिंट कहा जाता है। ये डेटा कंपनियों द्वारा इकट्ठा करके बेचा भी जाता है। अगर इसे नियंत्रित न किया जाए तो यह आपकी गोपनीयता और सुरक्षा को बड़ा खतरा पहुंचा सकता है।

डिजिटल फुटप्रिंट क्या है?
डिजिटल फुटप्रिंट वह डाटा ट्रेल है, जो आप इंटरनेट पर एक्टिविटी करते हुए छोड़ते हैं। इसमें शामिल है:
- ब्राउज़िंग हिस्ट्री
- सोशल मीडिया पर गतिविधियां
- सर्च इंजन क्वेरीज
- एप्लीकेशन का उपयोग
- ऑनलाइन शॉपिंग
- लोकेशन डेटा
- ईमेल और मैसेज
डिजिटल फुटप्रिंट दो प्रकार का होता है:
- एक्टिव फुटप्रिंट: जब आप खुद कोई जानकारी डालते हैं, जैसे फोटो शेयर करना।
- पैसिव फुटप्रिंट: वह डेटा जो आपकी जानकारी के बिना इकट्ठा किया जाता है।
कैसे ट्रैक किया जाता है आपका डिजिटल फुटप्रिंट?
अधिकांश वेबसाइट्स आपकी ऑनलाइन एक्टिविटी को ट्रैक करने के लिए कुकीज़ का उपयोग करती हैं। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म आपकी हर पोस्ट, लाइक और कमेंट पर नजर रखते हैं। सर्च इंजन आपके सर्च रिकॉर्ड को स्टोर करते हैं। कई एप्स आपकी लोकेशन, माइक्रोफोन और कॉन्टैक्ट तक का एक्सेस लेती हैं।
बड़ी डाटा कंपनियां इस डेटा को प्रोफाइल बनाने और विज्ञापन, बीमा, लोन व सरकारी निगरानी के लिए इस्तेमाल करती हैं।
चिंता क्यों करनी चाहिए?
डिजिटल फुटप्रिंट की सुरक्षा न होने से:
- आइडेंटिटी थेफ्ट
- ऑनलाइन धोखाधड़ी
- गोपनीयता का हनन
- साइबरस्टॉकिंग
- मनचाहा कंटेंट दिखाकर आपकी सोच को प्रभावित करना
जैसे खतरे बढ़ जाते हैं।
डिजिटल फुटप्रिंट से सुरक्षा के उपाय
- हर अकाउंट का अलग और मजबूत पासवर्ड रखें।
- ब्राउज़र हिस्ट्री, कुकीज़ और कैश को समय-समय पर डिलीट करें।
- प्राइवेसी-फोकस्ड ब्राउज़र और सर्च इंजन का उपयोग करें।
- एप्स की परमिशन जांचें और बेवजह एक्सेस बंद करें।
- पब्लिक Wi-Fi का उपयोग सुरक्षित तरीके से करें।
- ऑनलाइन कुछ भी शेयर करने से पहले सोचें।
अंतिम विचार:
डिजिटल युग में अपनी ऑनलाइन पहचान की सुरक्षा करना बेहद जरूरी है। हर क्लिक आपके लिए अहम है। सतर्क और जागरूक रहकर आप अपने डिजिटल फुटप्रिंट को नियंत्रित कर सकते हैं और अपनी प्राइवेसी सुरक्षित रख सकते हैं।

नरेन्द्र सिंह इस वेबसाइट के संस्थापक हैं। उन्हें होटल इंडस्ट्री का अच्छा खासा अनुभव है। लोगो को अपने लेख द्वारा समाज में चल रही बुराइयों से सजग करने और उससे बचने के लिए अपने विचार व्यक्त करते हैं। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए उन्होंने होटल इंडस्ट्री के अपने 18 साल के करियर को स्विच कर अपने पसंदीदा और रूचि के करियर मीडिया में प्रवेश किया है। वह न केवल सामाजिक बुराइयों के खिलाफ सजग करते हैं, अपितु सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का प्रयोग कर सामाजिक बुराइयों को उजागर कर, दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही के लिए संबंधित विभाग को सूचित करते हैं।