वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy) क्या है और यह क्यों जरूरी है?

आज की दुनिया में सिर्फ पैसे कमाना ही काफी नहीं है, बल्कि यह भी जरूरी है कि हम अपने पैसों को समझदारी से संभालें और बढ़ाएं। इसी को वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy) कहा जाता है। भारत समेत दुनियाभर में बहुत से लोग अच्छी कमाई के बावजूद आर्थिक दिक्कतों का सामना करते हैं, सिर्फ इसलिए क्योंकि वे वित्तीय ज्ञान के अभाव में गलत फैसले लेते हैं। आइए आज इस लेख में आसान भाषा में समझते हैं कि वित्तीय साक्षरता क्या है, क्यों जरूरी है और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है।

वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy) क्या है और यह क्यों जरूरी है?

वित्तीय साक्षरता क्या है?

साधारण शब्दों में कहें तो, वित्तीय साक्षरता का मतलब है – पैसे कमाने, खर्च करने, बचत करने, निवेश करने और जोखिम प्रबंधन का सही तरीका जानना। यानी आप अपनी आय और खर्च को सही तरीके से समझें और भविष्य के लिए बेहतर योजना बनाएं।

भारत में वित्तीय साक्षरता की स्थिति:

भारत में वित्तीय साक्षरता की स्थिति अभी भी काफी कमजोर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सिर्फ 27% लोग ही वित्तीय रूप से साक्षर हैं। ज्यादातर लोग निवेश, बीमा, टैक्स प्लानिंग और रिटायरमेंट फंडिंग के बारे में बहुत कम जानते हैं। इसी वजह से देश में कई लोग धोखाधड़ी का भी शिकार हो जाते हैं।

वित्तीय साक्षरता क्यों जरूरी है?

  1. बेहतर बजट प्रबंधन: अगर आपको अपनी आय और खर्च का सही हिसाब रखना आता है तो आप कभी आर्थिक संकट में नहीं फंसेंगे। इससे आप अपनी जरूरतें और इच्छाओं में संतुलन बना पाएंगे।
  2. बचत और निवेश की आदत: वित्तीय साक्षरता से व्यक्ति भविष्य के लिए बचत और समझदारी से निवेश करना सीखता है, जिससे पैसे पर पैसा बनता है।
  3. आर्थिक सुरक्षा: बीमा, इमरजेंसी फंड और पेंशन प्लान जैसी योजनाओं की जानकारी होने पर आप और आपका परिवार आर्थिक रूप से सुरक्षित रहेगा।
  4. कर (Tax) योजना: अगर आपको टैक्स की जानकारी होगी तो आप अपने टैक्स की बेहतर प्लानिंग कर बचत कर सकते हैं।
  5. धोखाधड़ी से बचाव: जब व्यक्ति को निवेश और वित्तीय उत्पादों की सही जानकारी होती है तो वह फर्जी स्कीम और धोखेबाजों से बच सकता है।

वित्तीय साक्षरता बढ़ाने के तरीके:

  1. पढ़ाई और जानकारी: ऑनलाइन वेबसाइट, सरकारी पोर्टल, न्यूजपेपर और वित्तीय ब्लॉग से जानकारी लें।
  2. सेमिनार और वर्कशॉप: सरकार और कई वित्तीय संस्थान समय-समय पर वित्तीय जागरूकता शिविर आयोजित करते हैं। इनमें भाग लें।
  3. बेसिक फाइनेंस बुक्स पढ़ें: ‘Rich Dad Poor Dad’ और ‘The Intelligent Investor’ जैसी किताबें आपको पैसे को समझने में मदद करेंगी।
  4. अपनी बचत की शुरुआत करें: हर महीने कुछ न कुछ बचत जरूर करें। छोटी बचत भी आगे चलकर बड़ी रकम बन जाती है।
  5. निवेश के विकल्प जानें: फिक्स्ड डिपॉजिट, म्यूचुअल फंड, शेयर मार्केट, गोल्ड, प्रॉपर्टी आदि निवेश के कई विकल्प होते हैं। इनमें अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार निवेश करें।
  6. बीमा लें: स्वास्थ्य और जीवन बीमा लेना आज के समय में बहुत जरूरी है। इससे आप भविष्य के अनिश्चित खर्च से बच सकते हैं।
  7. टैक्स प्लानिंग सीखें: ध्यान रखें कि टैक्स बचत के लिए आप अवैध तरीके न अपनाएं। निवेश और सेक्शन 80C, 80D जैसे टैक्स डिडक्शन विकल्पों का सही इस्तेमाल करें।
  8. अपने बच्चों को भी वित्तीय साक्षर बनाएं: बचपन से ही बच्चों को पैसे की कीमत और बचत की अहमियत सिखाएं।

निष्कर्ष:

आज के दौर में वित्तीय साक्षरता हर व्यक्ति के लिए उतनी ही जरूरी है जितनी शिक्षा। आर्थिक समझदारी से ही हम अपने परिवार को सुरक्षित, खुशहाल और भविष्य के लिए तैयार रख सकते हैं। अगर हम अपने पैसे का सही प्रबंधन और निवेश करना सीख लें तो न सिर्फ हमारा वर्तमान बेहतर होगा, बल्कि भविष्य भी आर्थिक रूप से सुरक्षित रहेगा।

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