एक प्रतिनिधि चुनना हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है जिसे प्रत्येक मतदाता को अपने मतदान के अधिकार से ईमानदारी से चुनना चाहिए। प्रतिनिधि चुनते समय हमेशा उसकी क्षमता और ईमानदारी को देखना चाहिए, न कि उसके प्रलोभन को।
प्रतिनिधि में ईमानदारी और क्षमता के साथ-साथ निडरता का होना भी बहुत जरूरी है। हम जानते हैं कि हमारे देश में ऐसे बहुत कम प्रतिनिधि हैं, जिसके कारण भ्रष्ट प्रतिनिधि ईमानदार प्रतिनिधियों के अच्छे कामों को अपना वोट न देकर अच्छे कामों को बिल के रूप में संसद में पारित नहीं होने देते हैं।
जिस तरह एक सैनिक अपनी जान की परवाह किए बिना हमेशा देश की सेवा में लगा रहता है, उसी तरह हमारे प्रतिनिधि में भी देशभक्ति की भावना का होना बहुत जरूरी है।
जातिवाद और क्षेत्रवाद हमारी राजनीति में एक बहुत ही दुखद और शर्मनाक कारण है, आज भी जातिवाद और क्षेत्रवाद की राजनीति करने वाले कई राजनेता फल-फूल रहे हैं। यह सब हम सभी मतदाताओं की गलती के कारण होता है। हम अपने वोट का सही इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। हम सब बराबर हैं, हमारा संविधान भी हमें यह अधिकार देता है।
भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, अपराध, निरक्षरता, गरीबी आदि सभी हमारे देश की खराब व्यवस्था के कारण हैं, जिसे ईमानदार, सक्षम और निडर प्रतिनिधियों का एक समूह ही अपने अच्छे कार्यों से सुधार सकता है। इसलिए हमें अपने मताधिकार का प्रयोग बहुत ही ईमानदारी से करना चाहिए।
एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमें एक ईमानदार, सक्षम और निडर प्रतिनिधि के महत्व पर सभी परिचित लोगों और अपने आसपास के लोगों के साथ चर्चा करते रहना चाहिए। हमें अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए।
जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमारा भी कर्तव्य है कि हम अपने संविधान का पूरी ईमानदारी से सम्मान करें, टैक्स, बिजली, पानी आदि की चोरी न करें, ताकि सभी का समान विकास हो सके। किसी गरीब और कमजोर वर्ग के लिए बनाई गई नीति का इस्तेमाल अपने निजी हित के लिए न करें। अपने मताधिकार का शत-प्रतिशत उपयोग करें। तभी देश का विकास हो सकता है।
नरेन्द्र सिंह इस वेबसाइट के संस्थापक हैं. उन्हें होटल इंडस्ट्री का अच्छा खासा अनुभव है. लोगो को अपने लेख द्वारा समाज में चल रही बुराइयों से सजग करने और उससे बचने के लिए अपने विचार व्यक्त करते हैं. इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए उन्होंने होटल इंडस्ट्री के अपने 18 साल के करियर को स्विच कर अपने पसंदीदा और रूचि के करियर मीडिया में प्रवेश किया है. वह न केवल सामाजिक बुराइयों के खिलाफ सजग करते हैं, अपितु सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का प्रयोग कर सामाजिक बुराइयों को उजागर कर, दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही के लिए संबंधित विभाग को सूचित करते हैं.