भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीनतम संस्कृति है। जो करीब 5000 साल पुरानी है। भारतीय संस्कृति अनेकता में एकता कायम रखे हुए है। भारत में विभिन्न धर्मों, जातियों और वेशभूषा के लोग रहते हैं। जो अपने त्योहारों को आपसी प्रेम से बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।
जहां समय के साथ दुनिया की कई संस्कृतियां लुप्त हो गई हैं, भारतीय संस्कृति हमेशा से अस्तित्व में रही है और हमेशा रहेगी। हमारी संस्कृति सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है। योग और अध्यात्म भी भारतीय संस्कृति की देन हैं। जिस पर हर भारतीय को गर्व है। इसे सीखने के लिए दुनिया भर से लोग भारत आते हैं। जिसका उपयोग वे अपने जीवन में स्वस्थ तन, स्वस्थ मन और शांति के लिए करते हैं।
भारत में आज भी लोग संयुक्त परिवार में रहते हैं, जो हर सुख-दुख में मिल-जुलकर रहते हैं। जहां बच्चे आपस में सम्मान और प्यार सीखते हैं और समाज में एक अच्छा नागरिक बनकर देश की सेवा करते हैं।
भारत में गुरुओं का सम्मान किया जाता है। बच्चों को बचपन से ही गुरुओं का महत्व सिखाया जाता है। गुरु शिष्य परंपरा गुरुकुल के समय से चली आ रही है। जहां बच्चों को सारी शिक्षा दी जाती थी।
भारत में अतिथि को देवता माना जाता है। हर देश भारत के आतिथ्य का सम्मान करता है। भारतीय संस्कृति की कोई तुलना नहीं है। यह शांति से रहने और आपसी सद्भाव से एक दूसरे के साथ रहने की कला सिखाता है।
भारतीय संस्कृति शिक्षा के महत्व की व्याख्या करती है। शिक्षा अच्छे और बुरे का बोध कराती है। शिक्षा भेदभाव की भावना को नष्ट करती है।
भारतीय संस्कृति बड़ों का सम्मान करना और छोटों से प्यार करना सिखाती है। माता-पिता को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है। इसलिए हमारी संस्कृति पूरे विश्व में प्रचलित है।
भारत में त्योहार बहुत धूमधाम से मनाए जाते हैं क्योंकि त्योहारों के पीछे के इतिहास से हमें कोई न कोई महान शिक्षा जरूर मिलती है। जैसे दिवाली, होली आदि।
नरेन्द्र सिंह इस वेबसाइट के संस्थापक हैं. उन्हें होटल इंडस्ट्री का अच्छा खासा अनुभव है. लोगो को अपने लेख द्वारा समाज में चल रही बुराइयों से सजग करने और उससे बचने के लिए अपने विचार व्यक्त करते हैं. इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए उन्होंने होटल इंडस्ट्री के अपने 18 साल के करियर को स्विच कर अपने पसंदीदा और रूचि के करियर मीडिया में प्रवेश किया है. वह न केवल सामाजिक बुराइयों के खिलाफ सजग करते हैं, अपितु सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का प्रयोग कर सामाजिक बुराइयों को उजागर कर, दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही के लिए संबंधित विभाग को सूचित करते हैं.