किसी भी व्यक्ति का अवैध रूप से व्यापार के उद्देश्य से उपयोग करना मानव तस्करी कहलाता है। पीड़ित बच्चा, लड़का, लड़की, पुरुष, महिला, किसी भी धर्म, जाति, समुदाय, देश से हो सकता है। यह एक बहुत बड़ा अंतरराष्ट्रीय अपराध है।
मानव तस्करी से दुनिया का हर देश प्रभावित है। तस्कर हमेशा पीड़ित का अवैध फायदा उठाता है। पीड़ितों को शादी, नौकरी आदि के झूठे वादों का लालच दिया जाता है और जबरन मजदूरी, वेश्यावृत्ति आदि जैसे बड़े अपराध में धकेल दिया जाता है।
मानव तस्करी के लाखों अपराध अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर दर्ज हैं, जिनमें से कुछ तस्करों की पहचान नहीं हो पाती है। हम अपने आत्मसम्मान के लिए हर दिन छोटी-छोटी बातों के लिए लड़ते हैं। लेकिन मानव तस्करी के शिकार अपने स्वाभिमान के लिए संघर्ष नहीं कर सकते, उनका जीवन नरक से भी बदतर हो जाता है।
UNODC (United Nations Office On Drugs and Crime) अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानव तस्करी के मामलों की समीक्षा करता है और मानव तस्करों से पीड़ित को मुक्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग करता है।
एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यह हमारा कर्तव्य है कि हम अधिक से अधिक लोगों को मानव तस्करी के प्रति जागरूक करें। हर देश में एक एंटी करप्शन सेल होता है, भारत में गृह मंत्रालय का एंटी करप्शन सेल मानव तस्करी के मामलों से निपटता है। पुलिस के साथ-साथ गृह मंत्रालय के एंटी करप्शन सेल में भी मानव तस्करी का मामला दर्ज किया जा सकता है। मानव तस्करी के शिकार लोगों की मदद करने और जागरूकता कार्यक्रम चलाने के लिए हर देश में बहुत सारे एनजीओ हैं।
सरकार को चाहिए कि वह सरकारी संगठनों, निजी संगठनों, स्कूलों, संस्थाओं, मंत्रालयों आदि में नियमित रूप से जागरूकता अभियान चलाए और प्रत्येक नागरिक को जागरूक करे। सरकार इसकी निगरानी निम्न स्तर से उच्च स्तर तक करे, यह सब डिजिटल होना चाहिए। इसके बावजूद यदि मानव तस्करी के मामले सामने आते हैं तो निम्न स्तर से उच्च स्तर तक के प्रतिवादी के कार्यों की समीक्षा की जानी चाहिए और लापरवाही के मामले में प्रतिवादी के खिलाफ सख्त और अनुकरणीय कार्रवाई की जानी चाहिए I
नरेन्द्र सिंह इस वेबसाइट के संस्थापक हैं. उन्हें होटल इंडस्ट्री का अच्छा खासा अनुभव है. लोगो को अपने लेख द्वारा समाज में चल रही बुराइयों से सजग करने और उससे बचने के लिए अपने विचार व्यक्त करते हैं. इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए उन्होंने होटल इंडस्ट्री के अपने 18 साल के करियर को स्विच कर अपने पसंदीदा और रूचि के करियर मीडिया में प्रवेश किया है. वह न केवल सामाजिक बुराइयों के खिलाफ सजग करते हैं, अपितु सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का प्रयोग कर सामाजिक बुराइयों को उजागर कर, दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही के लिए संबंधित विभाग को सूचित करते हैं.