आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) का बढ़ता प्रभाव : रोज़गार पर क्या होगा असर?

आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) केवल तकनीक की दुनिया तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हर सेक्टर में अपनी गहरी पकड़ बना रही है। स्वास्थ्य, शिक्षा, बैंकिंग, सुरक्षा, परिवहन और मनोरंजन जैसे क्षेत्रों में AI का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि इससे काम आसान और तेज़ हुआ है, लेकिन साथ ही रोज़गार पर इसके प्रभाव को लेकर चिंता भी बढ़ी है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) का बढ़ता प्रभाव : रोज़गार पर क्या होगा असर?

AI का रोज़गार पर सकारात्मक प्रभाव

AI के आने से नई नौकरियां भी पैदा हो रही हैं। डेटा एनालिस्ट, मशीन लर्निंग इंजीनियर, AI रिसर्चर, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट जैसे कई नए पद सामने आए हैं। इसके अलावा, AI से काम का बोझ कम हुआ है और कठिन व जोखिम भरे कार्य भी अब मशीनें कर रही हैं।

नकारात्मक प्रभाव

AI से पारंपरिक नौकरियों में कमी आ रही है। बैंक में क्लर्क, कॉल सेंटर एजेंट, मैन्युफैक्चरिंग वर्कर्स जैसे पदों पर अब AI आधारित मशीनें व सॉफ्टवेयर काम कर रहे हैं। इससे कम पढ़े-लिखे और निम्न वर्गीय कर्मचारियों की नौकरियों पर संकट बढ़ गया है।

भविष्य की दिशा

विशेषज्ञों का मानना है कि AI को पूरी तरह रोकना संभव नहीं है। इसलिए हमें अपनी स्किल्स को अपडेट करना होगा। तकनीक के साथ तालमेल बिठाकर ही भविष्य में सुरक्षित रोज़गार पाया जा सकता है।

निष्कर्ष

AI जहां एक ओर जीवन को आसान बना रहा है, वहीं दूसरी ओर रोजगार के क्षेत्र में चुनौती भी दे रहा है। अगर समय रहते हमने अपने कौशल को आधुनिक तकनीक के अनुरूप नहीं बदला, तो आने वाले वर्षों में बेरोज़गारी बढ़ सकती है। इसलिए जागरूक रहना और समय के साथ सीखना ही आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है।

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