कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया की कार्य संस्कृति को पूरी तरह बदल कर रख दिया। वर्क फ्रॉम होम ने जहां आने-जाने का समय बचाया, वहीं ऑफिस और निजी जीवन की सीमाएं धुंधली कर दीं। लोग अपने ड्राइंग रूम या बेडरूम को ऑफिस में बदलने पर मजबूर हो गए। ऐसे में मानसिक तनाव, थकान और रिश्तों में दूरी जैसी समस्याएं सामने आईं।

आज महामारी के बाद की दुनिया में कार्य-जीवन संतुलन (वर्क-लाइफ बैलेंस) पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गया है। आइए जानते हैं कि यह क्यों महत्वपूर्ण है और इसे कैसे बेहतर किया जा सकता है।
महामारी ने कैसे बिगाड़ा कार्य-जीवन संतुलन
वर्क फ्रॉम होम कल्चर: ऑफिस का काम घर में शिफ्ट होने से काम के घंटे बढ़ गए। लोग देर रात तक काम करने लगे।
सीमाओं का धुंधलापन: ऑफिस मीटिंग और प्रोफेशनल कॉल्स कभी भी होने लगीं, जिससे निजी समय प्रभावित हुआ।
मानसिक स्वास्थ्य पर असर: सोशल इंटरैक्शन कम और स्क्रीन टाइम अधिक होने से तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं बढ़ीं।
जीवनशैली में बदलाव: शारीरिक गतिविधि घट गई और जंक फूड व स्क्रीन डिपेंडेंसी बढ़ गई।
कार्य-जीवन संतुलन क्यों है ज़रूरी
मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा: संतुलित दिनचर्या तनाव कम करती है और दिमाग को शांति देती है।
शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर: व्यायाम, सैर और शौक के लिए समय मिलने से शरीर स्वस्थ रहता है।
उत्पादकता में वृद्धि: संतुलित जीवन जीने वाले कर्मचारी अधिक रचनात्मक और केंद्रित होते हैं।
रिश्तों में मजबूती: परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने से रिश्ते मजबूत होते हैं।
बर्नआउट से बचाव: काम और जीवन में संतुलन बना कर थकावट और पेशेवर तनाव से बचा जा सकता है।
वर्क-लाइफ बैलेंस बेहतर करने के उपाय
काम के निश्चित घंटे तय करें: ऑफिस का समय निश्चित करें और उस पर कायम रहें।
अलग कार्यस्थल बनाएं: घर में काम के लिए एक अलग स्थान निर्धारित करें।
ब्रेक लेना न भूलें: काम के बीच छोटे-छोटे ब्रेक लें।
काम के बाद डिवाइस बंद करें: ऑफिस के मेल और नोटिफिकेशन को समय पर बंद कर दें।
सेहत का ख्याल रखें: व्यायाम, ध्यान और मनपसंद शौक को दिनचर्या में शामिल करें।
खुलकर संवाद करें: वर्कलोड और समस्याओं पर मैनेजर या टीम से बात करें।
निष्कर्ष
महामारी ने यह सिखाया है कि कार्य-जीवन संतुलन कोई विकल्प नहीं बल्कि आवश्यकता है। डिजिटल युग में जहां सब कुछ कनेक्टेड है, वहां अपने लिए सीमाएं तय करना ज़रूरी है। वर्क फ्रॉम होम और हाइब्रिड मॉडल में रहते हुए अगर हम छोटी-छोटी आदतें अपनाएं, तो जीवन को बेहतर और शांत बना सकते हैं।
एक संतुलित जीवन न केवल कर्मचारी के लिए बल्कि परिवार, संस्थान और समाज के लिए भी फायदेमंद है। आइए, इसे प्राथमिकता बनाएं।

नरेन्द्र सिंह इस वेबसाइट के संस्थापक हैं। उन्हें होटल इंडस्ट्री का अच्छा खासा अनुभव है। लोगो को अपने लेख द्वारा समाज में चल रही बुराइयों से सजग करने और उससे बचने के लिए अपने विचार व्यक्त करते हैं। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए उन्होंने होटल इंडस्ट्री के अपने 18 साल के करियर को स्विच कर अपने पसंदीदा और रूचि के करियर मीडिया में प्रवेश किया है। वह न केवल सामाजिक बुराइयों के खिलाफ सजग करते हैं, अपितु सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का प्रयोग कर सामाजिक बुराइयों को उजागर कर, दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही के लिए संबंधित विभाग को सूचित करते हैं।