आज के डिजिटल युग में मोबाइल फोन हमारी ज़िन्दगी का अहम हिस्सा बन गए हैं। पढ़ाई से लेकर मनोरंजन तक हर चीज़ मोबाइल पर सुलभ है। लेकिन यह सुविधा अब बच्चों में एक खतरनाक लत का रूप लेती जा रही है। घंटों-घंटों मोबाइल गेम्स, वीडियो और सोशल मीडिया में डूबे रहना बच्चों की मानसिक, शारीरिक और सामाजिक सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे में पैरेंट्स और समाज को जागरूक होकर बच्चों को इस लत से बाहर निकालने की ज़रूरत है।

मोबाइल एडिक्शन के नुकसान:
पढ़ाई में गिरावट
आंखों की रोशनी पर असर
सिरदर्द और नींद न आना
सामाजिक दूरी बढ़ना
मानसिक तनाव और चिड़चिड़ापन
कैसे सुधारे बच्चों की मोबाइल लत:
- समय सीमा तय करें:
बच्चों को दिनभर मोबाइल न दें। उनके मोबाइल इस्तेमाल का समय तय करें, जैसे 1-1.5 घंटे ही। - आउटडोर गतिविधियों को बढ़ावा दें:
बच्चों को पार्क, खेलकूद और सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल करें ताकि उनका ध्यान मोबाइल से हटे। - परिवार के साथ समय बिताएं:
रोज़ाना एक निश्चित समय परिवार के साथ बात करें, खेलें और मिलकर कुछ करें। इससे बच्चों में अपनापन और सकारात्मक माहौल बनता है। - एजुकेशनल ऐप्स का इस्तेमाल:
अगर मोबाइल देना ही है तो उसमें एजुकेशनल और जानकारीपूर्ण ऐप्स या वीडियो ही चलवाएं। - खुद उदाहरण बनें:
अगर पैरेंट्स भी हर वक्त मोबाइल में लगे रहेंगे तो बच्चे भी वैसा ही करेंगे। खुद भी मोबाइल का सीमित और सकारात्मक उपयोग करें। - बातचीत करें:
बच्चों से दोस्त की तरह बात करें। मोबाइल का ज़्यादा इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं, यह जानें और उन्हें समझाएं।
निष्कर्ष:
मोबाइल एक ज़रूरत है, पर उसकी लत खतरनाक है। बच्चों को बचपन में ही डिजिटल एडिक्शन से बचाना भविष्य के लिए ज़रूरी है। इसके लिए अभिभावकों को सजग रहकर संतुलन बनाना होगा। प्यार और समझदारी से बच्चों को इस आदत से दूर किया जा सकता है।

नरेन्द्र सिंह इस वेबसाइट के संस्थापक हैं। उन्हें होटल इंडस्ट्री का अच्छा खासा अनुभव है। लोगो को अपने लेख द्वारा समाज में चल रही बुराइयों से सजग करने और उससे बचने के लिए अपने विचार व्यक्त करते हैं। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए उन्होंने होटल इंडस्ट्री के अपने 18 साल के करियर को स्विच कर अपने पसंदीदा और रूचि के करियर मीडिया में प्रवेश किया है। वह न केवल सामाजिक बुराइयों के खिलाफ सजग करते हैं, अपितु सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का प्रयोग कर सामाजिक बुराइयों को उजागर कर, दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही के लिए संबंधित विभाग को सूचित करते हैं।